पाठको हमने वसीम बरेलवी की मशहूर शायरी संग्रह -waseem barelvi shayari in hindi लेके आये हैं. उनकी शायरी पढ़ने से पहले उनके जीवन के बारे में थोड़ा जान लेते हैं ,
Wasim Barelvi biography in hindi -वसीम बरेलवी की जीवनी
जाहिद हुसैन जिन्हें कलम नाम वसीम बरेलवी के नाम से जाना जाता है. ज़ाहिद हुसैन का जन्म 8 फरवरी 1940 बरेली में हुआ था. वसीम बरेलवी 10 साल की उम्र में ही कुछ शेर लिखे .
वसीम बरेलवी ने बरेली कालेज से एम्. ऐ उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया. और उसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने.
.साठ के दशक में वसीम साहब मुशायरों में जाने लगे और वहा अपने लिखे गज़लों को पढ़ने लगे. और उनका शेरो-शायरी के प्रति और अधिक झुकाव होने लगा.
जगजीत सिंह द्वारा गाए गए उनकी ग़ज़लें बहुत लोकप्रिय हैं .उन्हें “फ़िराक गोरखपुरी इंटरनेशनल अवार्ड”, कालिदास स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है .बरेलवी नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ़ उर्दू लैंग्वेज (NCPUL) के उपाध्यक्ष हैं। उ
न्होंने कुलव 2012 (NIT इलाहाबाद का सांस्कृतिक कार्यक्रम) में भी प्रदर्शन किया था
वो सबके चहेते बन गए ,आज वसीम बरेलवी हिंदुस्तान ही नहीं देश विदेशो में भी इनके चाहने वाले हैं .
पेश हैं कुछ ऐसे ही चुनिंदा शेर शायरी (wasim barelvi ki shayari in hindi) :
Waseem barelvi shayari
दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता
तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता
dukh apna agar humko batana nahi aata
tumko bhi to andaaza lagana nahi aata
asmaan itni bulandi pe jo itrata hai
bhul jata hai zamin se hi nazar aata hai
waseem barelvi shayari in hindi
ग़म और होता सुन के गर आते न वो ‘वसीम’
अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं
gham aur hota sun ke gar aate na vo vasim
accha hai mere haal ki un ko khabar nahi
aise rishte ka bharam rakhna koi khel nahi
tera hona bhi nahi aur tera kehlana bhi
अपने चेहरे से जो जाहिर है छुपाए कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक नजर आए कैसे
apne chehre se jo zahir hai chupaen kaise
teri marzi ke mutabik nazar aaen kaise
मै बोलता गया हु और वो सुनता रहा खामोश
ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी
wasim barelvi poetry in hindi
mai bolta gaya hun wo sunta raha khamosh
aise bhi meri haar hui hai
तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ मैं
कि तू मिल भी अगर जाए तो अब मिलने का ग़म होगा
tujhe paane ki koshish me kuch itna kho chuka hu mai
ki tu mil bhi jaaye agar to ab milne ka gam na hoga
वो मेरे सामने ही गया और मैं
रास्ते की तरह देखता रह गया
waseem barelvi shayari in hindi love
Wo mere saamne hi reh gaya aur mai
Raaste ki tarah dekhta rah gaya
तुम आ गए हो तो कुछ चांदनी सी बातें
जमी पर चांद कहां रोज-रोज उतरता है
tum aa gae ho to kuch chandi si baatie ho
hai zamin pe chand kahan rozz rozz utarta hai
shayari of waseem barelvi in hindi
“तुम मेरी तरफ देखना छोड़ दो तो बताऊँ हर शख्स तुम्हारी तरफ ही देख रहा है”
taraf dekhna chod do to batataun har shaks tumhari tarah hi dekh raha hai
वो झूट बोल रहा था बड़े सलीके से
मै ऐतबार ना करता तो क्या करता
आते आते मेरा नाम सा रह गया
उसके होठो पे कुछ काँपता रह गया
aate aate mera naam sa reh gaya
us ke hothon pe kuch kaanpta reh gaya
wasim barelvi sher in hindi
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
jahan rahega vahi raushani lutaega
kisi charagh ka apna makaan nahi hota
wasim shayari in hindi
बहुत से ख़्वाब देखोगे तो आँखें
तुम्हारा साथ देना छोड़ देंगी
Bahut se khaab dekhohe to aankhe
Tumhara saath dena chod dengi
wasim barelvi on dosti
na paane se kisi ke hai na kuchh khone se matlab hai
ye duniyā hai ise to kuchh na kuchh hone se matlab hai
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएग जायेगी
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है
raat to waqt ki paband hai dhal jayegi
dekhna hai ye charago ka safar kitna hai
wasim barelvi quotes in hindi
शराफ़तों की यहाँ कोई अहमियत ही नहीं
किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है
Sharafaton ki yahan koi ahmiyat hi nahi
Kisi ka kuch naa bigaado to kaun darta hai
वैसे तो इक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाए
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता
waise to ek aanshu hi baha kar mujhe le jaaye
Aise koi tufaan hila bhi nahi sakta
Kisi ne rakh diye mamta bhare to haath kya sar par
Mere andar ka koi baccha bilakh kar rone lagta hai
waseem barelvi poetry in hindi
किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो
तो ये रिश्ता निभाना किस क़दर आसान हो जाए
kisi se koi bhi ummid rakhna chod kar dekho
Toh ye rishta nibhana kis kadar asaan ho jaaye
कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को
वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता
Kuch hai ki jo ghar de nahi pata hai kisi ko
Warna koi aise toh safar me nahi rehta
waseem barelvi two line shayari
हर शख़्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ़
फिर ये भी चाहता है उसे रास्ता मिले
Har shaks daudta hai yahan bheed ki taraf
Fir ye bhi chahta hai use raaste milei
अपने अंदाज़ का अकेला था
इसलिए मैं बड़ा अकेला था
apne andaaz ka akela tha
Isliye mai bada akela tha
हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें
ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें
Haadaso ki jidd pe hai to muskarana chod dei
Jaljalon ke khauf se kya ghar banana chod dei
wasim barelvi romantic shayari in hindi
किसी को कैसे बताएं जरूरते अपनी
मदद मिले ना मिले आबरू तो जाती है
kisi ko kaise bataen zaruratei apni
madad mile na mile aabru to jaati hai
उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में
इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए
ussi ko jine ka haq hai jo is jamane me
idhar ka lagta rahe aur udhar ka ho jaaye