Books day Shayari | विश्व पुस्तक दिवस
किताबें झांकती हैं बंद आलमारी के शीशों से, बड़ी हसरत से तकती हैं, महीनों अब मुलाकातें नहीं होती, जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं, अब अक्सर गुजर जाती है कंप्यूटर के पर्दों पर..! तुम्ही तो मेरी कहानी होमेरे जीवन की जवानी होतुम ना होते तो कैसे मै जागताशायद मै भी औरो की तरह भागता kitab par shayari … Read more