साड्डा हक़ शायरी | Attitude Shayari Haq
Attitude Shayari | Haq Se Agar Do हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,खैरात में तो हमें तुम्हारी मोहब्बत भी नहीं चाहिए सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये,कभी पैरों से रौंदी थी ये परछाइयां हमने। हम तो आँखों में संवरते हैं वहीं संवरेंगे,हम नहीं जानते आईने ने कहाँ पनाह ली … Read more