रोना शायरी ( Rona Shayari in hindi )

Rona Shayari

रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह
अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह

आता नहीं है वो तो किसी ढब से दाव में
बनती नहीं है मिलने की उस के कोई तरह

तश्बीह किस से दूँ कि तरह-दार की मिरे
सब से निराली वज़्अ है सब से नई तरह

rona shayari 1

Rona Shayari in hindi

मर चुक कहीं कि तू ग़म-ए-हिज्राँ से छूट जाए
कहते तो हैं भले की व-लेकिन बुरी तरह

ने ताब हिज्र में है न आराम वस्ल में
कम-बख़्त दिल को चैन नहीं है किसी तरह

लगती हैं गालियाँ भी तिरे मुँह से क्या भली
क़ुर्बान तेरे फिर मुझे कह ले उसी तरह

पामाल हम न होते फ़क़त जौर-ए-चर्ख़ से
आई हमारी जान पे आफ़त कई तरह

ने जाए वाँ बने है न बिन जाए चैन है
क्या कीजिए हमें तो है मुश्किल सभी तरह

रोना शायरी: Aansoo shayari

rona shayari

मा’शूक़ और भी हैं बता दे जहान में
करता है कौन ज़ुल्म किसी पर तिरी तरह

हूँ जाँ-ब-लब बुतान-ए-सितमगर के हाथ से
क्या सब जहाँ में जीते हैं ‘मोमिन’ इसी तरह