शराब शायरी | sharaab ki shayari
sharaab shayari शराब बंद हो साक़ी के बस की बात नहींतमाम शहर है दो चार दस की बात नहींअसद मुल्तानी पी कर दो घूँट देख ज़ाहिदक्या तुझ से कहूँ शराब क्या हैहफ़ीज़ जौनपुरी मैकदे में किसने कितनी पी ख़ुदा जाने मगर,मैकदा तो मेरी बस्ती के कई घर पी गया..!”(मेराज फ़ैज़ाबादी) shayari on sharab in hindi … Read more