फ़िराक गोरखपुरी शायरी | firaq gorakhpuri shayari
न हो एहसास तो सारा जहाँ है बे-हिस-ओ-मुर्दागुदाज़-ए-दिल हो तो दुखती रगें मिलती हैं पत्थर में अहल-ए-ग़म तुम को मुबारक हो फ़ना-आमादगीलेकिन ईसार-ए-मोहब्बत जान दे देना नहीं आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में ‘फ़िराक़’जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए firaq gorakhpuri shayari ज़िंदगी क्या है आज इसे ऐ दोस्तसोच लें और उदास हो … Read more